Dedicated to my Best friend....
कुछ किस्सों से तोल कर दुनियाँ ने हमारी गुस्ताखियों का तकाज़ा निकाल लिया,
फ़िर सोचा की हमने भी हमारी सीरत का जनाज़ा निकाल दिया.
उस पर हमने भी कुछ पलों के लिए अपनी ज़िन्दगी गंवाई मान ली,
भरे मन के कहने पे हमने भी अपनी सारी बुराई मान ली.
मिला फिर इक दिन वोह पुराना दोस्त जिससे अपनी रूह जैसे था मेरा रिश्ता,
दुनिया कहती थी ख़राब पर मेरे लिए हमेशा था फ़रिश्ता.
वो बोला,
मुश्किल है मेरे भाई जीना इस संसार मे,
मन चंचल है तु बना बस अपने दिल से पहले जैसा रिश्ता,
फिर दिल के आईने मे देख ज़िन्दगी भर मे तुझे क्या तू प्यार से भरा इंसान दिखता,
दुनिया ढूढ़ती है पत्थर मे पर मुझे तेरे दिल में रब दिखता.
मेरे भाई,
व्यपारीपन है दुनिया की इन दोस्तियों मे,
बस तु पक्का रख अपने दिल का रिश्ता,
क्योंकि यह कभी नहीं बिकता...
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