Special thanks to my friend Lipika Mazumdar for painting a photo for this Poem...
कुछ शब्दों से भरे प्याले
और पी ले मेरे प्यारे
की अभी मेरा दिल भरा नहीं.
अकेले हम दोनों है लेकिन
मेरा क्यों रात का बसेरा है,
कहते है लोग की
जब तू आये तभी सवेरा है.
ये दिन क्यों सिर्फ तेरा है.
देख इस सागर को की
मुझे देख ये बड़ी आहे लेता है,
चुरा कर तू ये दुनिया से क्या लेता है.
कौन पसंद करे तुझे
की गर्म तेरा मिजाज है,
इंतज़ार करते ये लोग
की मेरे साये में इसका
अच्छा इलाज़ है.
है इस कदर तेरा अकेलापन
की पल भर भी
देख न पाये कोई तुझको,
मुस्कराता हु मै इन चमकते
सितारों के साथ,
दागो से भरा भले चेहरा मगर
खिल जाते है सागर भी देख मुझको.
गिला बहुत है...की
कुछ शब्दों से भरे प्याले
और पी ले मेरे प्यारे
की अभी मेरा दिल भरा नहीं.
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