खुदा ने कहा था...
रुक जा जन्नत में बेटा,
अब न जाने मेरा जहान कैसा हैं...
तू भी उस भीड़ में खो जाएगा,
और जीवन की अमूल्य देन को भूल जायेगा...
कुछ पैसे पाने के चक्कर में तू जीने का मजा भूल जायेगा,
और जीतने की चाह में तू इस खेल का मजा भी भूल जायेगा,
फिर पता नहीं कब तू मेरा पता भी भूल जायेगा...
रुक जा जन्नत में बेटा,
अब न जाने मेरा जहान कैसा हैं...
Copyright © 2014
www.theajaysapra.blogspot.com